एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट है। वर्णमाला के क्रम में एक कविता लिखने का। युगों का एक चक्र है। मतलब की कलियुग के बाद फिर से या तो त्रेतायुग या सतयुग आएगा, जब हर चीज़ फिर से बेहतर हो जाएगी। उन्ही दिनों को दिखाया है इस कविता में।
When I visited my parents in a vacation, I faced a sad truth! They grew old! This poem is about this feeling!
एक छोटा सा प्रयास है और लोगों तक शिव तांडव स्तोत्रम पहुंचाने का। मैंने सोचा की क्यों न इसका हिंदी अनुवाद किया जाए एक कविता के रूप में।
दुनिया को बदलने से पहले, कोशिश करो,सिर्फ एक कोशिश… अपनी सोच को बदलने की।वादा करता हूँ जल्द ही दुनिया बदलती नज़र आएगी।
Here's a tribute to all the teachers across the world. Share it with your teachers if you like it!