Tag: hindi

कभी मजबूरी तो कभी ज़रुरत। हम में से बहुत से लोगों को घर छोड़ के बहार रहना पड़ा। कुछ पंक्तियाँ हैं उसी अनुभव के बारे में - घर से निकलते ही
एक छोटी सी कहानी middle class वालों की। अगर किसी को सच लगे तो भी बताना और अगर किसी को बुरा लगे... सच तो सच ही है न भाई , बुरा मान के क्या कर लोगे! ;-) :P
Main nahi to kuch nahi... A poetry about energy... हर युग भी मैं … हर युग में मैं … मैं अणु हूँ … ब्रह्माण्ड भी …
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