भारत वर्ष में और सनातन धर्म में प्रश्न करना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि उसे सत्य और ज्ञान की परीक्षा का रूप दिया गया है।
प्रश्न करना गलत नहीं है, गलत है अंध-विश्वास, गलत है ज्ञान ना होना, गलत है बिना प्रश्न के गलत राह पे चलना, क्यूंकि बाकी सब भी वही कर रहे हैं।
इसी विचार से प्रेरित हो के मैंने यह कविता लिखी है। आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी।
आज गुरु पूर्णिमा पे , मेरी तरफ से एक छोटी सी हिंदी कविता, जो बताती है की गुरु है समय और समय का महत्व क्या है।
A hindi poem about, what every man wants to tell her lady love... तुम बस मुस्कुराती रहा करो