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यह कविता साहित्य और विज्ञान के बीच के अंतर को दर्शाती है। कवि कहता है कि साहित्य में एक जादू है जो विज्ञान की सीमाओं को पार कर सकता है। वह कहता है कि साहित्य हमें अपनी यादों में ले जा सकता है, हमें समय में उड़ने की ताकत दे सकता है, और हमारी सोच को बदल सकता है। कवि यह भी कहता है कि साहित्य हमें अपनी रूह को छूने की ताकत देता है। कविता का मुख्य संदेश यह है कि साहित्य विज्ञान से अलग एक अपनी दुनिया है, जो हमें नई दृष्टिकोण और अनुभव प्रदान कर सकती है।
यह एक पुराने घर की कहानी है, जो अपने अतीत की यादों को साझा करता है।
हंस पड़ता हूँ, पूछे जब जग,माँ की याद, तो आती होगी?सच कहता हूँ, हंस देता हूँ,मन ही मन, दम भर लेता हूँ। जब हर दिन हर पल,माँ से ही है, जीवन मेरा,माँ से ही है,फिर कैसे उनको भूल मैं जाऊँ?कब न उनको याद करूँ? हर कर्म में, उनका क़र्ज़ उतारूं,हर साँस में, उनका नाम जपूँ। […]
कविता एक युवक की नौकरी की वास्तविकता को दर्शाती है, जो बड़े फ़र्म में नौकरी करने के सपने देखता है, लेकिन वास्तव में उसे दबाव और लंबे काम के घंटों का सामना करना पड़ता है। वह महसूस करता है कि पैसे के लिए लोग अपनी अकल और जीवन को बेच देते हैं
कमल नयन, चंचल मुस्कान, मेघ वर्ण, आये भगवान।
It's a poetry about a person suffering from cancer, in his last few days, sharing his thoughts and feelings
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