भारत वर्ष में और सनातन धर्म में प्रश्न करना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि उसे सत्य और ज्ञान की परीक्षा का रूप दिया गया है।
प्रश्न करना गलत नहीं है, गलत है अंध-विश्वास, गलत है ज्ञान ना होना, गलत है बिना प्रश्न के गलत राह पे चलना, क्यूंकि बाकी सब भी वही कर रहे हैं।
इसी विचार से प्रेरित हो के मैंने यह कविता लिखी है। आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी।
I am sharing a little bit of her life and the lessons that she taught us. Hope it will inspire many of you.
यह कविता मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि इसमें मेरी बचपन की बहुत सारी यादें हैं। यह मेरी बहनों के बारे में है। मेरी तीन प्यारी बहनें। सच कहूं, तो बचपन का बहुत कुछ याद नहीं,लेकिन कुछ यादें ऐसी हैं लगता है कल की ही हैं। कुछ मासूमियत भरी, तो कुछ जिनमे खुशियां हैं […]