एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट है। वर्णमाला के क्रम में एक कविता लिखने का। युगों का एक चक्र है। मतलब की कलियुग के बाद फिर से या तो त्रेतायुग या सतयुग आएगा, जब हर चीज़ फिर से बेहतर हो जाएगी। उन्ही दिनों को दिखाया है इस कविता में।
हम हमेशा से कहानियां सुनते हैं भगवान की। कभी शिव जी, कभी राम जी, तो कभी कृष्ण जी की तो कभी किसी और की। और हर किसी को कोई ना कोई एक इनमे से सबसे बड़े लगते हैं।
मैंने अपने सीमित ज्ञान से एक कविता लिखी है। अगर कुछ बुरा लगे तो माफ़ करना और अच्छा लगे तो और लोगों को भी पढ़ाना।
A hindi poem about, what every man wants to tell her lady love... तुम बस मुस्कुराती रहा करो