एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट है। वर्णमाला के क्रम में एक कविता लिखने का। युगों का एक चक्र है। मतलब की कलियुग के बाद फिर से या तो त्रेतायुग या सतयुग आएगा, जब हर चीज़ फिर से बेहतर हो जाएगी। उन्ही दिनों को दिखाया है इस कविता में।
Here's a tribute to all the teachers across the world. Share it with your teachers if you like it!
जब छोटे थे तो,हम सब बड़ा बनना चाहते थे। अब जब बड़े हो गए हैं तो लगता है असली आज़ादी बचपन में ही थी। अब यही पूछता हूँ ख़ुद से की - मुझे बड़ा क्यों होना था?
एक छोटी सी कहानी middle class वालों की। अगर किसी को सच लगे तो भी बताना और अगर किसी को बुरा लगे... सच तो सच ही है न भाई , बुरा मान के क्या कर लोगे! ;-) :P
This post isn't about the virus or the disease, it is about the heroes who are working hard to give us another day to live without fear!