Tag: hindi poem

It's a poetry about a person suffering from cancer, in his last few days, sharing his thoughts and feelings
मैं मिर्ज़ापुर के झरनों से हूँ,तुम बनारस की गलियों से.मैं विंध्य पर्वत का वासी हूं,तुम शिव की पवित्र काशी से। घाटों घाटों में खो जाऊं,गंगा से अक्षर पहुचाऊं,मैं शक्ति का, तुम भोले की,नगरी-नगरी की जोड़ी थी. मैं आधा था, तुम बाकी थी.मैं मिर्ज़ापुर, तुम काशी थी। मैं मिर्ज़ापुर के झरनों से हूँ,तुम बनारस की गलियों […]
यह कविता मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि इसमें मेरी बचपन की बहुत सारी यादें हैं। यह मेरी बहनों के बारे में है। मेरी तीन प्यारी बहनें। सच कहूं, तो बचपन का बहुत कुछ याद नहीं,लेकिन कुछ यादें ऐसी हैं लगता है कल की ही हैं। कुछ मासूमियत भरी, तो कुछ जिनमे खुशियां हैं […]
scenic view of the forest during sunrise
हर पेड़ कुछ कहता है, बस हम रुक के सुनना नहीं चाहते। पहले हर जगह पेड़ थे, अब हम रोड ट्रिप पे जाते हैं पेड़ देखने। आपने समय निकाला, अच्छा लगा!
जब छोटे थे तो,हम सब बड़ा बनना चाहते थे। अब जब बड़े हो गए हैं तो लगता है असली आज़ादी बचपन में ही थी। अब यही पूछता हूँ ख़ुद से की - मुझे बड़ा क्यों होना था?
एक छोटी सी कहानी middle class वालों की। अगर किसी को सच लगे तो भी बताना और अगर किसी को बुरा लगे... सच तो सच ही है न भाई , बुरा मान के क्या कर लोगे! ;-) :P
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